आगरा, अगस्त 25 -- जैसे-जैसे गांव के लोगों पर फोन आने लगे, वैसे ही गांव प्रमुख लोग जागते चले गए। उन्होंने अपने संपर्क के लोगों से गाड़ियां मंगानी शुरू कर दीं। कुछ लोगों पर गांव में खुद ही कार मौजूद थी। कुछ देर में ही गाड़ियां आ गईं। उनमें बैठकर गांव से करीब सौ लोग खुर्जा और बुलंदशहर के अस्पतालों के लिए दौड़ पड़े। सभी ने अपने अपने अनुसार एक दूसरे की मदद का जिम्मेदारी संभाली। यूं कहिए कि, तन,मन, धन से सभी ने गांव के लोगों की मदद करने में दिल खोल दिया। गांव के रफायतपुर गांव के प्रधान प्रमोद कुमार ने बताया कि, गांव में रात करीब दो बजे बुलंदशहर से गांव के ही राजीव फोन आया था कि राजीव भी ट्रैक्टर में सवार था। उसने जैसे ही उसने बताया कि हादसे में योगेश की मौत हो गई तो वह कार से तत्काल अपने साथ ग्रामीणों को लेकर बुलंदशहर और फिर खुर्जा कैलाश अस्पता...