नई दिल्ली, अक्टूबर 7 -- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम कानून के तहत मौखिक दान यानी 'हिबा के लिए किसी संपत्ति पर अचानक दावा मान्य नहीं हो सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस कानून के तहत मौखिक दान बनाने के लिए तीन शर्तें जरूरी हैं। पहला दानकर्ता की इच्छा, दूसरा दान लेने वाले की स्वीकृति और तीसरा दान में मिली संपत्ति पर लेने वाले का कब्जा। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और एस.वी.एन. भट्टी की पीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दाखिल अपील का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने महिला के हक में फैसला देते हुए 10 एकड़ जमीन पर अधिकार को मान्यता दे दी थी, जो कथित तौर पर उसकी मां ने 1988 में मौखिक रूप से उसे उपहार में दी थी, जबकि जमीन के रिकॉर्ड में दान की गई संपत्ति पर उसके कब्जे को प्रमाणित करने वाला कोई भी म्यूटेशन दर्ज नहीं था। सुप...