गंगापार, मई 10 -- विकास खंड जसरा के पूर्व सैनिक बृजराज सिंह ने बताया कि करगिल युद्ध को मैंने अपने आंखों से देखा है। युद्ध का नाम सुनते ही उनके अंदर की ज्वालामुखी धधकने लगती है। बताया कि सेना का कोई जाति धर्म नहीं होता है। उसे केवल राष्ट्र प्रेम का पाठ ही पढ़ाया जाता है। राष्ट्र के लिए हंसते-हंसते जान गंवाने की क्षमता केवल भारतीय सेना में ही है। इसी तरह आर्डिनेंस कैप्टन रहे अवधराज सिंह ने कहा कि सरकार यदि हमें बुलाएगी तो हम राष्ट्र के लिए पाकिस्तान को धूल चटाने अवश्य जाएंगे। तातारगंज के पूर्व सैनिक हंसराज द्विवेदी ने बताया कि करगिल युद्ध के समय हमारी पोस्टिंग राजस्थान में थी। उस समय हम सभी सैनिक युद्धाभ्यास कर रहे थे। आगरा से सूचना मिली है कि पांच वर्ष तक के रिटायर्ड सैनिकों को तैयार रहने को कहा गया है। अगर हमें बुलाया जाएगा तो एक बार पुनः...
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