प्रयागराज, अगस्त 1 -- प्रयागराज, संवाददाता। मो. रफी आयोजन समिति की ओर से बाल भारती स्कूल के परिसर में याद-ए-रफी का आयोजन हुआ। वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र ने कहा कि रफी साहब के जाते ही शायरी, कविता व गजल का स्तर गिर गया। अंतर्वस्तु लगभग खत्म हो गई व संजीदगी लापता हो गई। गानों की धुन व तौर तरीके बदल गए और शोर शुरू हो गया। यह गायकी में संवेदना, अंतर्वस्तु व आत्मा की मृत्यु थी। इस झटके से हिन्दी का फिल्म संगीत उबर नहीं पाया है। कवि के वक्तव्य के बाद मो. रफी के गाए गए गीतों की प्रस्तुति हुई। जिसमें डॉ. एसपी मिश्र, देवराज त्रिपाठी, अंकिता चतुर्वेदी, पद्मभूषण, पंकज, महुआ व अवनीश सिंह आदि ने लाखों हैं दीवाने जिंदगी की राह में, गुलाबी आंखें, लिखें जो खत तुझे, क्या हुआ तेरा वादा, अभी न जाओ छोड़कर, एहसान तेरा होगा मुझ पर, पुकारता चला हूं मैं व ये द...