नई दिल्ली, दिसम्बर 8 -- पहले ही कदम से समझ जाता है कि यहां जीवन कितना कठिन है। गली के प्रवेश द्वार से लेकर अंतिम छोर तक कूड़ा, गंदगी और कीचड़ का अंबार फैला हुआ है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन महीनों से ठप पड़ा है। इलाके की महिलाएं बताती हैं कि नालियों की सफाई महीनों नहीं हुई, जिसके कारण नालियां कूड़े से अटी रहती हैं और बदबू पूरे इलाके में फैलती रहती है। संकरी गलियों में सफाई कर्मचारी भी नियमित नहीं पहुंच पाते, जिससे स्थिति और डरावनी हो जाती है। करीब 200 से ज्यादा छोटे-छोटे मकानों की छतें एक-दूसरे से चिपकी हुई हैं। इतनी संकरी बस्ती में कूड़ा उठान बंद होने से रहवासियों का जीवन और भी दयनीय होता जा रहा है। कई परिवारों का कहना है कि गंदगी की वजह से रिश्तेदार भी उनके घर आने में कतराते हैं। उनका कहना है कि पहले सफाई की स्थिति बेहतर थी, लेकिन निजी ह...