मुरादाबाद, जून 27 -- क्षेत्र के मोहल्ला नई बस्ती नहर पर स्थित मदीना मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले शहर इमाम मुफ्ती मोहिउद्दीन कासमी ने मस्जिद में उपस्थित सभी नमाजियों को समझाते हुए बताया कि मोहर्रम हमारे लिए एक बेहद गमों का दिन है। इसी दिन हमारे नबी के साहबजादों का सिर कलम किया गया था। मोहर्रम पर सभी को शहीदों के लिए दुआएं मांगनी चाहिए। इसके साथ ही हर मुस्लिम को अपने इस्लाम धर्म के मुताबिक सच्चाई, ईमानदारी और नेकदिली के साथ सभी अच्छे कर्म करने चाहिए। बुराई की तरफ गए हुए किसी भी इंसान के एक कदम का बुरा असर उसके पूरे खानदान पर पड़ता है, इसीलिए नबी ने फरमाया है कि बुराई के रास्ते से बचों। इसके बाद जुमे की नमाज अदा की गई तथा मुल्क और देश में फैल रही अशांति एवं लड़ाइयों से निजात पाने तथा शहीदों के लिए भी दुआएं मांगी गईं।

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