अयोध्या, जून 27 -- अयोध्या, संवाददाता। 10 मोहर्रम सन् 61 हिजरी को कर्बला के मैदान में हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित 72 शहीदों को तीन दिन का भूखा और प्यास कत्ल कर दिया गया था। उसी की याद में हर साल मोहर्रम मनाया जाता है। गुरुवार को मोहर्रम का चांद जब फलक पर नजर आया तो उसे देख इमाम हुसैन को चाहने और मानने वालों की आंखें आंसुओं से नम हो गईं। शुक्रवार को पहली मोहर्रम है। इसकी पुष्टि शिया धर्मगुरुओं ने की है। मोहर्रम का चांद नजर आते ही अजाखाने सजा दिये गए। जनपद अयोध्या में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक हजारों अजाखाने सजाये जाते हैं। शुक्रवार से शुरू होने वाले मोहर्रम में कर्बला के शहीदों का गम मनाने का सिलसिला शुरू होगा। झोपड़ी से लेकर बड़े बड़े मकानों में अजाखानों को सजाकर शिया समुदाय के अलावा इमाम हुसैन को चाहने और ...