बाराबंकी, जून 27 -- बाराबंकी। गम के महीने मोहर्रम का चांद गुरुवार को दिखने के बाद घरों व इममबाड़ों में मजलिसों का सिलसिला शुरू हो गया है। सुबह से देर रात तक लोग मजलिस मातम करते रहे। घरों से हाय हुसैन या अली मौला की सदाएं सुनाईं दीं। शहर के मोहल्ला बेगमगंज, सिविल लाइन कटरा सहित कस्बा व तहसीलों में गुरुवार की शाम को मोहर्रम का चांद दिखते ही मजलिसों का दौर शुरू हो गया। लोगों ने एक दूसरे घर पंहुच कर मजलिसों में शिरकत की। इमामबाड़ों में आयोजित मजलिसों में बच्चे बुजुर्ग महिलाएं सभी मजलिसों में पहुंचे। कस्बा जैदपुर स्थित रौज़ए सय्यद ज़ैद के इमामबाडे में मौलाना सय्यद जौहर अब्बास रिज़वी (इमामे जमात तंज़ानिया अफ्रीका ) ने मजलिस ख़िताब किया। इस मौके पर मौलाना नें आपसी भाईचारा बनाने पर ज़ोर दिया और फिर इमामे हुसैन के मसाएब पढ़े। इसके अलावा इमामबाड़ा वक्फ...