सहारनपुर, जुलाई 3 -- हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के 18 साल के बेटे हजरत अली अकबर अलैहिस्सलाम, जो शबीह-ए-पैगम्बर थे, उन्हीं की याद में मोहर्रम का मातमी जुलूस परंपरागत तरीके से नगर के मुख्य बाजारों मे निकाला। मोहल्ला अन्सारियान स्थित इमामबाड़ा से हाजी सादिक हुसैन और अकीदतमंदों ने जुलजना निकाला। इसके साथ ही छोटा इमामबाड़ा अन्सारियान से बड़ा अलम निकाला गया। जुलूस में अकीदतमंदो ने भारी तादाद मे जंजीरो मे बंघी छुरियों व हाथ से अपने शरीर पर मातम किया। हजरत अली अकबर अलैहिस्सलाम का गम सौगवारों के दिलो दिमाग पर छाया हुआ था, जिन लोगों ने छुरियों से मातम किया। उनके शरीर से खून रिस रहा था। सभी गमजदा लोगो ने काले कपड़े पहन रखे थे और नंगे पैर गरेबान चाक व सीनाजनी करते हुए चल रहे थे। अकीदत मंद या हुसैन या हुसैन या अली या अब्बास, हाय सकीना, हाय प्यास की आवा...