बिजनौर, जून 30 -- पोस्टमार्टम हाउस की मोर्चरी में लाश रखकर यूं ही चले जाना अब पुलिसकर्मियों के लिए मुमकिन नहीं होगा। डिप्टी सीएम की ओर से पोस्टमार्टम चार घंटे के भीतर अनिवार्य तौर पर किए जाने के आदेश के चलते अब देरी पर जवाबदेही तय होगी। देरी चिकित्सकीय स्टाफ के स्तर पर हुई अथवा पुलिस ने पंचनामे के कागज तैयार करने में विलंब किया, प्रत्येक का समय लिखा रहेगा। गौरतलब है कि पोस्टमार्टम में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात स्टाफ दोनों की अपनी-अपनी भूमिका रहती है। नियमानुसार हत्या, हादसे अथवा किसी भी संदिग्ध हालत में हुई मौत के प्रकरण में पोस्टमार्टम कराने के लिए पहले पुलिस मौके पर ही शव का पंचनामा करती है और इसके बाद पंचनामे के कागजात पुलिस लाइन ले जाकर जीडी में उसकी एंट्री कराई जाती है, इसके बाद जिला अस्पताल परिसर स्थित पो...