मुंबई, जनवरी 29 -- मोबाइल टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन के दौरान गर्भवती महिला की मौत के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (HC) ने बड़ा कदम उठाया है। हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा संचालित 30 प्रसूति गृहों (मैटरनिटी होम) के सोशल ऑडिट के लिए एक आठ सदस्यीय समिति गठित की है। आरोप है कि प्रसूति गृह में पर्याप्त सुविधाएं न होने के चलते मोबाइल फ्लैश लाइट की रोशनी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद अब हाईकोर्ट ने इन मैटरनिटी होम की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नील गोखले की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखते हुए यह समिति गठित की। समिति के आठ सदस्यों में से छह को याचिकाकर्ता की सिफारिश पर नियुक्त किया गया, जबकि दो सदस्य बीएमसी की सिफारिश पर शामिल किए गए हैं। इनमें से एक सदस्य जे.जे. अस्पताल से और ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.