रांची, मार्च 12 -- मंगलवार को झारखंड में अमन साहू को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। ऐसे में अमन साहू के शुरुआती जीवन और उसके एक आम से लड़के से आतंक की दुनिया का सरगना बनने की तक की कहानी काफी दिलचस्प है। रांची के बुढ़मू थाना क्षेत्र के मतवे गांव के रहने वाले अमन साहू के दादा हरिदास साहू मतवे में खेती-बारी करते थे। लेकिन उसके पिता निरंजन साहू यहां से पतरातू चले गये। इंटर की पढ़ाई करने के बाद अमन साहू ने पतरातू में ही वर्ष 2008 में मोबाइल की दुकान खोली। इसी दौरान वह सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह के संपर्क में आ गया। पैसे कमाने की लालच में वह आपराधिक गिरोह में सक्रिय हो गया।12 वीं तक पढ़ा था अमन अमन साहू ने 12वीं तक की शिक्षा पूरी की और डिप्लोमा भी किया। जिसके बाद उसने एक मोबाइल दुकान भी खोला था, यहीं से उसका संपर्क सुशील श्रीवास्तव ग...