भागलपुर, सितम्बर 8 -- भागलपुर, वरीय संवाददता पूर्ण चंद्रग्रहण जैसी दुर्लभ खगोलीय घटना को लेकर रविवार दिनभर शहर में चर्चा होती रही। सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू होने के बाद मंदिरों के पट को बंद कर दिया गया था। सारे धार्मिक अनुष्ठान कार्य पर विराम लग गया। वहीं चंद्रग्रहण शुरू होने से पहले ही अधिकांश लोगों ने खाना खा लिया। ग्रहण को देखने के लिए लोग अपने परिवार के साथ छतों पर बैठे रहे। बादलों की आवाजाही के बीच आसमान में चमक रहा पूर्णिमा के चांद पर रात ठीक 9:57 बजे से पृथ्वी की छाया पड़ने लगी। रात ठीक 11:41 बजे पूरा चांद अंधेरे में डूब गया। देखते ही देखते मोती की तरह चमकता हुआ चांद गहरे लाल रंग में तब्दील हो गया। इसके बाद चंद्रमा पर पड़ रही पृथ्वी की छाया धीरे-धीरे हटने लगी। आखिरकार ग्रहण लगे चंद्रमा को रात 1:27 बजे तक मोक्ष मिल गया। करीब ...