दरभंगा, मार्च 25 -- जाले। स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र में अनुसूचित जाति के ग्रामीण युवक-युवतियों के लिए 'मोटे अनाजों के प्रसंस्करण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण में विभिन्न मोटे अनाजों के उत्पादन के विषय वं उनमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के अध्यक्ष सह वरीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. दिव्यांशु शेखर ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अनुसूचित जाति के किसानों को मोटे अनाजों के प्रसंस्करण पर प्रशिक्षित कर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, सामा, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू फसल आम तौर पर सीमांत और असिंचित भूमि पर उगाई जाती है इसलिए इनकी उपज स्थायी खेती और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करती है। इसके अलावा मोटे अनाज देश की खाद...