नई दिल्ली, मई 6 -- राजधानी में मॉक ड्रिल को लेकर कुछ लोगों में जहां उत्सुकता है वहीं कुछ लोगों के जेहन में अतीत की यादें ताजा हो गई हैं। अपने को सनातनी मुस्लिम कहने वाले पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान के निवासी और मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर फिरोज बख्त अहमद का कहना है कि सन 1965 के युद्ध में वे मात्र पांच वर्ष के थे और और जब व 1971 के युद्ध में राजधानी में भी बंकर बनाए गए थे। 1971 में आतंक या भय उतना नहीं था जितना 1965 में था। उन्होंने बताया कि मैं छोटा था लेकिन ब्लैक आउट तब भी होता था। उसका अलग अलग समय था। कभी शाम 7 बजे से 10 बजे तक कभी उसे बढ़ाकर ढाई बजे रात तक कर दिया जाता था, जिसके लिए सायरन बजता था और हम सब अपने घरों व कार्यालयों की बत्तियां और मोम बत्तियां गुल कर देते थे। दिल्ली में रात के समय ब्लैकआउट लागू किया...
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