नई दिल्ली, सितम्बर 3 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आईआईटी रुड़की को यह पता लगाने का निर्देश दिया कि मैसूर स्थित 19वीं सदी के देवराज मार्केट भवन और लैंसडाउन भवनों को कैसे संरक्षित किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने इन संरचनाओं को ध्वस्त करके उसी स्वरूप में उनका पुनर्निर्माण करने के कर्नाटक सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करते हुए यह आदेश दिया। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और संदीप मेहता की पीठ ने आईआईटी रुड़की को इस बारे में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने का आदेश दिया। पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यदि पहली नजर में कुछ मरम्मत/नवीनीकरण के साथ दोनों संरचनाओं को यथावत संरक्षित करना संभव है, तो उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत न्यास (आईएनटीएसीएच) की इस रिपोर्ट पर व...