प्रयागराज, अक्टूबर 11 -- मैनेजर पांडेय स्मृति आयोजन समिति की ओर से दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन शनिवार को हिन्दुस्तानी एकेडेमी में हुआ। हिंदी साहित्य आलोचना में मैनेजर पांडेय के योगदान पर केंद्रित सेमिनार का उद्घाटन सत्र मैनेजर पांडेय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित था। उद्घाटन वक्तव्य में प्रो. अवधेश प्रधान ने हिंदी आलोचना की परंपरा से मैनेजर पांडेय को जोड़ते हुए कहा कि आलोचना में सवाल उठाना सबसे महत्वपूर्ण है और यह काम मैनेजर पांडेय ने बखूबी किया है। चाहे वह इतिहास लेखन के सवाल हो अथवा कवि मूल्यांकन के सवाल। विशिष्ट वक्ता प्रो. सियाराम ने मैनेजर पांडेय के भक्तिकालीन काव्य में सूरदास के केंद्रीय भाव को किसानी जीवन से जोड़े जाने को स्पष्ट किया। दलित साहित्य के संबंध में मैनेजर पांडेय के स्वानुभूति और सहानुभूति संबंधी विचारों को स्प...