बुलंदशहर, जून 19 -- मैं नींद में थी। हादसे के बाद तेज आवाज के साथ झटका लगा और थोड़ी देर बाद उसे होश आया तो लोग मुझे कार से बाहर निकाल रहे थे। कार से आग की लपटें निकल रहीं थी। हम लोग सहसवान में अपने गांव चमनपुरा से दिल्ली जा रहे थे। इतना कहकर आंखें से आंसू गिरने लगे। वह आगे कुछ नहीं बोल सकी। उसके सामने उसके भाई,भाभी, बहन-बहनोई अब इस दुनिया से विदा चले गए। उसकी बेबस आखों से आंसू गिरते रहे। यह बातें जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हादसे में बची गुलनाज ने बताईं। हादसे के बाद गुलनाज भी काफी सहमी हुई है। मनहूस पल को कोस रहे परिजन बुलंदशहर जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम हाउस पर गमजदा बैठे तनजीब के ससुर और निदा के पिता हसीब ने बताया कि उस मनहूस पल को कोस रहे हैं जब परिवार के सदस्य घर से दिल्ली के लिए चले थे। उन्हें नहीं मालूम था कि अब वह न...