नई दिल्ली, जून 30 -- विनोद कांबली का नाम आते ही आप क्या सोचते हैं? सचिन तेंदुलकर का बाल सखा। टैलेंट में उनसे कमतर नहीं लेकिन...कम उम्र में नाम, शोहरत, दौलत से ऐसा भटकाव हुआ कि वह 'अर्श से फर्श' वाली कहावत का मूर्त रूप बन गए। जिन्होंने 90 का दशक देखा हो उन्हें तो अब भी याद होगा कि कैसे वह गेंदबाजों की सिट्टी-पिट्टी गुम कर देते थे। अनुशासन की कमी और भटकाव ने उनका करियर खत्म कर दिया। लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट पर फोकस करने के लिए उन्होंने तब पार्ट टाइम जॉब का ऑफर ठुकरा दिया था, जब उनके ज्यादातर साथी खिलाड़ी क्रिकेट खेलने के साथ-साथ छोटा-मोटा काम भी करते थे। विनोद कांबली पिछली बार तब चर्चा में थे जब वह पिछले साल दिसंबर में गंभीर रूप से बीमार थे। उनकी तस्वीरें देखकर क्रिकेट प्रेमी दहल गए थे। उनके पास इलाज तक के पैसे नहीं थे। ठाणे के आकृ...