नई दिल्ली, अक्टूबर 5 -- शरद पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह वर्ष की सबसे खास और पावन पूर्णिमा मानी जाती है क्योंकि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी चांदनी अमृत के समान मानी जाती है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में दिव्य औषधीय गुण होते हैं, जो तन और मन दोनों को शांति प्रदान करते हैं। इस कारण इस दिन का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यधिक है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जो लोग जागकर उनका स्मरण करते हैं, उन्हें अपार धन, वैभव और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इसीलिए लोग इस दिन व्रत रखते हैं, मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और रातभर भक्ति मे...