संतकबीरनगर, अप्रैल 14 -- पौली, हिन्दुस्तान संवाद। मेष राशि की संक्रांति (सतुवा संक्रांति)का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। इस दिन स्नान-दान और उपासना से श्रद्धालुओं को सुख-समृद्धि मिलती है। वहीं एक माह से चल रहा खरमास समाप्त होने से फिर मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। उक्त बातें शिव मन्दिर पौली में आचार्य पं. गौतम मुनि चतुर्वेदी ने मेष संक्रांति का महत्व बताते हुए कही। उन्होंने बताया कि वैसे प्रत्येक माह मे संक्रांति पड़ती है। सभी संक्रांति पर स्नान-दान का महत्व है। फिर भी वर्ष की दो संक्रांति अधिक महत्वपूर्ण है। मकर राशि की संक्रांति (खिचड़ी) और मेष राशि कि संक्रांति (सतुवा) के नाम से जानी जाती है। जब सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करते हैं तब मेष संक्रांति पड़ती है। आचार्य पं. महेश ने बताया कि पंचांग के अनुसार इस वर्ष सोमवार 14अप्...