ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी, दिसम्बर 26 -- नैसर्गिक अर्थात आदि पुरुष की कुंडली के अनुसार पंचम अर्थात शिक्षा का कारक ग्रह सूर्य लग्न के कारक ग्रह के साथ नवम भाव में विद्यमान होगा। जहां पर देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि पड़ेगी। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। विश्वविद्यालय, माध्यमिक स्तर पर तथा प्राथमिक स्तर पर भी बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। यद्यपि कि शनि और केतु की दृष्टि भी पड़ रही है। इस कारण से शिक्षा में जो परिवर्तन होगा। उसे लेकर थोड़ा विरोध अथवा विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। शिक्षा क्षेत्र में समानता की स्थिति बन सकती है । एक समान शिक्षा एवं एक बोर्ड का विचार लागू हो सकता है। सरकार आम जनमानस के लिए नई नियम कानून प्रतिपादित करके शिक्षा क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन कर सकती है। मेष : शिक्षा के दृष्टिकोण...