हापुड़, नवम्बर 5 -- गढ़ मेला। पता भले ही नहीं कि क्यों आते है मेले में परंतु देखने को तो मेले के कच्चे रास्तों पर ट्रेक्टरों पर युवाओं की फौज, और श्रद्धालु झूमते गाते दौड़ रहे हैं। चिकनी मिट्टी पर गंगा किनारे लग रहे तंबूओं के बार भी डीजे पर डांस चल रहा है। बिना मनोरंजन के संसाधनों की मस्ती में मस्त हो रहा था मेला, मेला मार्गों पर ट्रेक्टर , ट्रेक्टर पर युवाओं का डांस और गाना एक चौधर पूरी जाट की-- हाईटेक इंटरनेट के युग में गढ़ गंगा की रेतीले 25 किलोमीटर के दायरे में बसा उत्तरी भारत का अद्र्ध कुंभ मेले में 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अस्थाई पड़ाव डाल रखा है। जिनके लिए पुराने भारत के मीना बाजार और लाठी बाजार सजे हुए हैं। बैल गाड़ियों और भैसा बुग्गियों से पहुंचे श्रद्धालु बांस की बनी बांसुरी तथा लाठी खरीद रहे हैं तो महिलाएं मीना बाजार में खरीदा...