बदायूं, अक्टूबर 31 -- रुहेलखंड के मिनीकुंभ मेला ककोड़ा वैसे तो पांच दिन चलता है लेकिन यहां तंबुओं के शहर को बसाने की तैयारी एक महीना पहले से शुरू होती हैं। आठ दिन बाद तक मेला स्थल पर रौनक रहती है। यह मेला ककोड़ा आस्था का केंद्र ही नहीं बल्कि मनोरंज का भी एक अच्छा स्थान है। यहां लोग परिवार के साथ आते हैं और गंगा नहाने के साथ ही मनोरंज भी करते हैं। लेकिन खास बात यह है कि हर वर्ष यह मेला स्थानीय गांवों की जनता को छह महीने तक की रोजी-रोटी का ठिकाना मिल जाता है। इस दौरान मेला ककोड़ा में टैंट और तंबू लगाने का काम तेज रफ्तार के साथ चल रहा है। गुरुवार को गांगा की कटरी में जिला पंचायत द्वारा मेला ककोड़ा की तैयारियां तेज दिखीं। इस दौरान मेला स्थल पर हैंडपंप तथा टैंट लगाने का काम चल रहा है। वहीं अब मेला स्थल पर सड़कें तैयार की जा रही हैं। जिसमें मीना बाज...