बुलंदशहर, अप्रैल 4 -- वर्ष 1969 में मेरा नाम जोकर फिल्म की शूटिंग के लिए मनोज कुमार दिल्ली आए थे। अलीगढ़ एएमयू में मेरे दोस्त हरी भारद्वाज के दिल्ली नांगलोई में खेतों में उपकार फिल्म शूटिंग की थी। हरी भारद्वाज ने मेरी कविता की मनोज कुमार को कुछ लाइनें सुनाई। इसे सुनकर वह प्रभावित हुए और तभी रात में 12 बजे दोस्त के साथ मेरे घर पर आए। और ओबराय होटल दिल्ली में मुझे लेकर पहुंचे। वहां पूरी रात मैंने मनोज कुमार को कविताएं सुनाई। मनोज कुमार मेरे फिल्मी गुरु थे। उन्होंने मुझे फिल्मी के गीतों की जानकारी दी। अब जब वह नहीं नहीं रहे तो मैं बेहद दुखी हूँ। मैं अकेला रह गया। यह कहना है प्रसिद्ध गीतकार संतोष आनंद का। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सिकंदराबाद कस्बा के मोहल्ला कायस्थवाड़ा में 5 मार्च 1939 को प्रसिद्ध कवि एवं शायर पंडित अमर सिंह अमर के घर संतो...