नई दिल्ली, सितम्बर 12 -- राष्ट्रपति संदर्भ पर 10 दिन तक दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल, राष्ट्रपति संदर्भ में पूछा गया था कि क्या एक संवैधानिक अदालत राज्य विधानसभाओं से पारित विधेयकों को मंजूरी देने के लिए राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए समयसीमा निर्धारित कर सकती है। इसके बाद जब 5 न्यायाधीशों की बेंच और वकीलों ने कुछ ब्रेक लिया, जिस दौरान CJI बीआर गवई ने अपने पुराने सहकर्मी को याद किया, जो फैसला सुनाने के अलावा सारे काम करते थे। बेंच में सीजेआई गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रमनाथ, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस ए एस चंदुरकर थे। सभी जज अचानक आपस में बात करने लगे, तभी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा ,'काश मैंने लिप रीडिंग की क्लास ली होती। जब हम दलीलें दे रहे होते हैं और जज आपस में बात करते हैं, तो ह...