नई दिल्ली, अक्टूबर 18 -- दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद ने शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उनके खिलाफ दर्ज गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) का मामला खारिज हो जाएगा। उनका कहना है कि दिल्ली पुलिस ने ठोस सबूत पेश करने के बजाय उनकी गिरफ्तारी के लगभग एक साल बाद दर्ज किए गए गवाहों के बयानों पर भरोसा किया है। खालिद के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेस ने यह दलीलें कड़कड़डूमा कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर वाजपेयी के सामने दीं। यह अदालत उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोप तय करने के बिंदु पर सुनवाई कर रही है। पेस ने तर्क दिया,"आमतौर पर आतंकवाद के मामलों में सबूतों के ढेर होते हैं। लेकिन यहां ऐसे गवाह हैं जो कहीं छिपे हुए थे और मेरी गिरफ्तारी के एक साल बाद सामने आए। उन्होंने साजिश की बैठकों म...