मेरठ, फरवरी 27 -- मेरठ। प्रमुख संवाददाता देशभर के विश्वविद्यालयों में नए सत्र से एनईपी स्नातक-स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं गणित में भारतीय गणितज्ञों के योगदान को पढ़ सकेंगे। पहली बार गणित जैसे विषय में विद्यार्थियों को लीलावती और रामानुजन का योगदान पढ़ने को मिलेगा। आधुनिक गणित से सैकड़ों वर्ष पहले से ही भारतीय काल गणना एवं पंचांग भी गणित का हिस्सा होगा। ज्यामिती के सिद्धांतों पर केंद्रित हवन वेदी और मंदिर निर्माण की सूक्ष्म गणनाओं छात्र पढ़ते हुए सूत्रों को समझेंगे। गणित का पाठ्यक्रम तय करने को बनी राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति प्रो.एसके तोमर की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय समिति में चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय से गणित के प्रोफेसर डॉ. शिवराज सिंह पुंडी...
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