नई दिल्ली, अक्टूबर 26 -- हरिवंश चतुर्वेदी, महानिदेशक, आईआईएलएमबीएस साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के राष्ट्रीय संकल्प को पूरा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य का कायापलट बहुत जरूरी है। पिछले सात दशकों में मेडिकल शिक्षा का बहुत विस्तार हुआ है, किंतु अब भी यह न तो देश की आवश्यकताओं के अनुरूप है और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करती है। पिछले हफ्ते चिकित्सा संस्थानों में सीटों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 के लिए 1,37,600 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत हो चुकी हैं और कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 816 तक पहुंच गई है। जबकि, पिछले दशक में संख्या इससे बहुत कम थी। जैसे, वर्ष 2013-14 में एमबीबीएस सीटें 51,348 थीं। पोस्ट ग्रेजुएशन, यानी एमडी, एमएस,...
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