समस्तीपुर, सितम्बर 8 -- अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट यदि सही तरीके से निस्तारित न किया जाए तो यह न केवल मरीजों और अस्पताल स्टाफ बल्कि पूरे समाज के लिए महामारी का कारण बन सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसके लिए स्पष्ट मानक तय किए हैं, जिनके तहत बायोमेडिकल कचरे को पीले, नीले, लाल और काले रंग के बैग्स में अलग-अलग करके संग्रहित करना अनिवार्य है। इसके बाद इस कचरे को अधिकृत वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाना होता है। बाेले समस्तीपुर अभियान के तहत लोगों ने अपनी समस्याओं को बताया। धर्मेन्द्र महतो और लालबाबू कुमार ने बताया कि नियमों के मुताबिक अस्पतालों में इसके लिए अलग से कर्मचारियों की तैनाती भी की गई है। जिले में सदर अस्पताल के अलावा रोसड़ा, दलसिंहसराय और शाहपुर पटोरी के अनुमंडलीय अस्पताल समेत सभी रेफरल अस्पतालों और प्राथम...