बस्ती, फरवरी 8 -- बस्ती। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली में महज 'नाम की बर्न यूनिट बना दी गई है। कोई सुविधा नहीं होने के कारण आग, एसिड अटैक और हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने वाले गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता। मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद अमूमन रेफर कर दिया जाता है। मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने के छह साल बाद भी बर्न मरीजों में इलाज नहीं होने से लोग परेशान होते हैं। अस्पताल में चाय, गर्म पानी, दूध व अन्य तरह से मामूली रूप से झुलसे लोगों का ही इलाज किया जाता है। गंभीर मरीज को गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी की ओर रुख करना पड़ता है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशान होना पड़ता है। मामूली रूप से झुलसे मरीजों को प्राथमिक उपचार ही नसीब हो पाता है। इन दिनों ठंड से बचने के लिए चूल्हे और अलाव से आग तपने ...