मेरठ, मार्च 19 -- मेरठ। मेडिकल अस्पताल में मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक ही मेडिकल अस्पताल की लैब रिपोर्ट को नहीं मानते हैं और निजी लैब से जांच कराने की बात करते हैं। यही वजह है अस्पताल में निजी लैब के एजेंट 24 घंटे रहते हैं। सूत्रों की मानें तो अस्पताल में भर्ती और ओपीडी के मरीजों की जांच की जाए तो इनमें अधिकांश के पास निजी लैब की जांच रिपोर्ट होती है। मेडिकल प्रशासन ने अस्पताल में बाहरी लैब, अस्पताल के एजेंट्स को पकड़ने के लिए चिकित्सकों की कमेटी बनाई हुई है। कमेटी समय-समय पर औचक निरीक्षण करती है लेकिन इसके बाद भी निजी लैब, अस्पताल के एजेंट चकमा दे देते हैं। किसी भी निजी लैब, रेडियोलॉजी की जांच रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के चिकित्सक इलाज नहीं कर सकते। मेडिकल में आते ही सभी जांच अस्पताल में ही होनी चाहिए। लेकिन मेडिकल अस्पताल में इस ...