वाराणसी, नवम्बर 16 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। मृदापात्रों में रखा जल और मिट्टी के बर्तनों में बना भोजन स्वास्थ्य के लिए वरदान है। इसलिए हमें प्लास्टिक का उपयोग छोड़कर मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करना चाहिए। बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित सात दिनी अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में रविवार को आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार ने यह बातें कहीं। रविवार को कार्यशाला का समापन हुआ। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. संखवार ने कहा कि आयुर्वेद में मिट्टी से विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज सम्भव है। मिट्टी के बर्तनों में रखे जल तथा भोजन में स्वाभाविक रूप से विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वों का मिश्रण होता है, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एमेरिटस प्रोफेसर विभा त्रिप...