मिर्जापुर, नवम्बर 6 -- हलिया। क्षेत्र के गलरा गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के सातवें दिन बुधवार को कथावाचक पं.प्रभानाथ मिश्र ने सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष सहित अनेक कथाओं का अमृतपान कराया। कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा सुनने से मृत्यु के भय समाप्त हो जाता है। कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता से लोगों को सीख लेनी चाहिए। सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के आग्रह पर कृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे। जहां द्वारपाल सुदामा को भिक्षा मागने वाला समझकर रोक देते हैं, लेकिन जब उन्होंने अपने को श्रीकृष्ण का मित्र बताया तो द्वारपाल भगवान को सूचित किया। सुदामा का नाम सुनते ही भगवान कृष्ण द्वार की ओर दौड़ पड़ते हैं और अपने मित्र सुदामा को गले लगा लिया। जिसे देख सभी चकित रह गए। कृष्ण सुदामा को अपने सिंहासन पर बैठा कर कुबेर के समान माला-माल कर ...