वाराणसी, जुलाई 19 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। भगवान शिव मृत्युलोक में निवास करते हैं इसलिए महादेव को ही विश्वनाथ कहा जाता है। अन्य किसी देव को विश्व नाम से संबोधित नहीं किया जाता। उक्त उद्गार कोलकाता के कथाव्यास पं. शिवम विष्णु पाठक ने महमूरगंज स्थित शृंगेरी मठ में चल रही श्रीशिवमहापुराण कथा के विश्राम दिवस पर शुक्रवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ईश्वर अनुभूति का विषय है। बिना अनुभूति ईश्वर की कल्पना वैसे ही है जैसे मानचित्र देखकर महसूस किया जाता है। संपूर्ण प्रकृति उनका स्वरूप है। महादेव तो समस्त सृष्टि में विराजमान हैं। महादेव के दरबार में जाति, धर्म का भेद नहीं रहता है। ब्रह्माजी ने नारद को शिव की महिमा का कथा श्रवण कराया और कहा कि शिव कथा के श्रवण से अश्वमेध यज्ञ से भी ज्यादा फल प्राप्त होता है। महादेव के दर पर जब भी जाएं घमंड का ...