चित्रकूट, दिसम्बर 17 -- चित्रकूट, संवाददाता। कोषागार घोटाले में सबसे बड़े नटवरलाल रहे गौरेन्द्र शिवहरे को कोर्ट से राहत नहीं मिली। सत्र न्यायाधीश शेषमणि की अदालत ने सुनवाई करते हुए उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। गौरेन्द्र ने अपनी मृतक पेंशनर मां के दो खाते संचालित कराकर उनमें अपना बैंक अकाउंट जोड़वाकर सर्वाधिक 5 करोड़ 65 लाख 95 हजार 120 रुपये का गबन किया है। जिला कारागार में निरुद्ध आरोपित गौरेन्द्र शिवहरे का नाम पुलिस एसआईटी की छानबीन के दौरान आया था। एसआईटी ने उसे बीते 28 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। जेल में बंद गौरेन्द्र शिवहरे ने जिला सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की थी। आरोपित गौरेन्द्र के अधिवक्ता ने अदालत में तर्क दिया कि गौरेंद्र की मां गिरिजेश कुमारी पत्नी स्व रामलाल पेंशनर थीं। जिसकी मौत 24 दिसंबर 2012 को हो गई थी। मौत के बाद ...