वाराणसी, नवम्बर 10 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में सोमवार को सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। 'प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत के योगदान में मृणकलाओं एवं मृदभांडों के योगदान' विषयक कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विचार रखे। मुख्य अतिथि कला संकाय प्रमुख प्रो. सुषमा घिल्डियाल ने मृणकलाओं एवं मृद्भाण्डों की सांस्कृतिक विरासत की लम्बी परम्परा को संजोए रखने के लिए विभाग की सराहना की। आईआईटी गांधीनगर (गुजरात) के वरिष्ठ पुराविद् डॉ. वीएन प्रभाकर ने मृद्भाण्ड एवं मृणकलाओं द्वारा विदेश में भारतीय सांस्कृतिक विरासत के विस्तार को विशेष रूप से रेखांकित किया। अध्यक्षता प्रो. प्रवेश कुमार श्रीवास्तव ने की। कार्यशाला संयोजक और विभागाध्यक्ष प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार ने पूरे साल...