रांची, फरवरी 3 -- रांची, विशेष संवाददाता। शौर्य सभागार, डोरंडा में चल रहे भारत रंग महोत्सव में सोमवार को नाटक अनंत गुण श्रीरामचंद्र का मंचन किया गया। भारतीय संस्कृति आज विश्वभर में प्रसिद्ध है, क्योंकि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव है। भगवान श्रीरामचंद्र की जीवन शैली युगों-युगों से मानव समुदाय को प्रेरित कर रही है और रामायण की कथा आज भी घर-घर में प्रचलित है। इस नाटक में श्रीरामंचद्र के गुण, शील को मूकाभिनय में इस खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। असम के नाट्य दल-थर्ड थिएटर की यह प्रस्तुति थी, जिसमें नाट्य शास्त्र के अभिनव रूप का उपयोग करते हुए मूकाभिनय की मदद से रामायण को गैर शाब्दिक रूप से प्रस्तुत किया गया। इसमें भगवान श्रीरामचंद्र के जीवन के कई उल्लेखनीय अंशों को शामिल करते हुए...