गाज़ियाबाद, सितम्बर 19 -- गाजियाबाद। शहर की 126 साल पुरानी घंटाघर रामलीला में भाईचारे का प्रतीक है। रामलीला में हर साल मुस्लिम परिवार रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बना रहा है। पिछले 48 सालों से आदिल की तीन पीढ़ी पुतले बना रही हैं। उनका परिवार हिंदू परंपरा से जुड़ा हुआ है। शहर की 126 साल पुरानी सुल्लामल रामलीला में आदिल का परिवार रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बना रहा है। दशहरे पर इन पुतलों के दहन की परंपरा है। आदिल ने 10 साल की उम्र से अपने पुश्तैनी काम को सीखना शुरू किया। पहले दादा और फिर पिता दिलशाद को पुतलों का निर्माण करते देखा तो उसके मन भी जिज्ञासा हुई। उनके काम सीखा और अब पुतलों को बनाने में वह माहिर हो गया है। आदिल और उसका परिवार 48 वर्षों से इस कार्य से जुड़े है। गुलावठी के मंगल बाजार निवासी आदिल पिछले 14 सालों से सुल्लामल क...