नई दिल्ली, नवम्बर 20 -- Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुस्लिमों के एक वर्ग के बीच तलाक की प्रथा 'तलाक-ए-हसन' पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या एक सभ्य समाज इस तरह की प्रथा की अनुमति दे सकता है? जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कड़े लहजे में सवाल पूछे। उन्होंने पूछा, "यह किस तरह की चीज है? आप 2025 में इसे कैसे बढ़ावा दे रहे हैं? हम जिस सर्वोत्तम धार्मिक प्रथा का पालन करते हैं, क्या आप इसकी अनुमति देते हैं? महिलाओं के सम्मान को इस तरह कैसे बनाए रखा जा सकता है? क्या एक सभ्य समाज इस तरह की प्रथा की अनुमति दे सकता है?" पत्रकार बेनाजीर हीना ने इस तलाक प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है। हीना ने तर्क दिया कि यह प्रथा अतार्किक, मनमानी है और संविधान...