कन्नौज, फरवरी 16 -- कन्नौज। आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों की जिम्मेदारी संभालने के कारण 'यशोदा यानी दूसरी मां का दर्जा मिला। यह जिम्मेदारी वे अब भी निभा रही हैं। उनसे कई दूसरे सरकारी काम भी कराए जाते हैं। हर दिन बढ़ती मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां उचित मानदेय की मांग लंबे समय से कर रही हैं पर उनके सामने सबसे बड़ी समस्या राशन की पूर्ति को लेकर होती है। मनरेगा मजदूरों से भी कम मानदेय पर काम करते हुए अपनी जिम्मेदारी को पूरी शिद्दत से निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां आज खुद को ठगा सा महसूस कर रही हैं। सरकारी कार्यक्रमों की शोभा बढ़ानी हो या फिर स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में जमीनी स्तर पर काम करना हो। हर जगह इन कार्यकर्त्रियों को लगाया जाता है। तमाम दिक्कतों और उलझनों के बीच ये अपनी ड्यूटी में लग जाती हैं। डाटा एंट्...
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