मुरादाबाद, दिसम्बर 5 -- मुरादाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। फसल चक्र गड़बड़ाने और रासायिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से मुरादाबाद की उपजाऊ मिट्टी की कोख बांझ होती जा रही है। बेहिसाब कीटनाशकों के इस्तेमाल भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है। फसलों का उत्पादन बढ़ने की चाह में मिट्टी को बीमार कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि नाइट्रोजन तो मिट्टी से गायब सी हो गई है। आर्गेनिक कार्बन मानक से आधा भी नहीं है। इसके साथ ही पोटाश और फास्फोरस समेत कई सूक्ष्म पोषक तत्वों की भारी कमी है। राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के संचालन के जिम्मेदार विभागीय अधिकारी मृदा परीक्षण लैब की हालिया रिपोर्ट से दुखी है। अब किसानों को मिट्टी की सेहत खराब होने की जानकारी देने का अभियान शुरू किया जा रहा है। शोध एवं मृदा सर्वेक्षण अनुभाग ने जनपद के 11200 नमूनों की रिपोर्ट जारी कर दी है। ...