नई दिल्ली, फरवरी 12 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को अपनी तरफ लुभाने के लिए मुफ्त उपहार और नकदी देने की घोषणाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की। शीर्ष अदालत ने कहा कि 'सरकार से मुफ्त में राशन और नकदी मिलने की वजह से लोग काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इसके साथ ही, सरकार और राजनीतिक दलों की मुफ्त योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय विकास के लिए लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने के बजाए, क्या हम परजीवियों का एक वर्ग नहीं बना रहे हैं? जस्टिस गवई ने लोगों को समाज के मुख्यधारा में शामिल करके राष्ट्रीय विकास में योगदान देना, बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि 'दुर्भाग्य से, इन मुफ्त उपहारों के कारण, राजनीतिक दलों द्वारा जो चुनावों...
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