नई दिल्ली, मार्च 26 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि यदि गरीब लोगों का इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में मुफ्त इलाज उपलब्ध नहीं किया जाएगा तो वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को इसे अपने नियंत्रण में लेने को कहेगा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने सीज समझौते के कथित उल्लंघन को गंभीरता से लिया, जिसके तहत अस्पताल को अपने यहां एक तिहाई गरीब मरीजों को भर्ती करना था और ओपीडी में 40 प्रतिशत मरीजों को बिना किसी भेदभाव मुफ्त इलाज करना था। बेंच ने कहा, 'अगर हमें पता चला कि गरीब लोगों को मुफ्त इलाज नहीं दिया जा रहा है तो हम अस्पताल को एम्स को सौंप देंगे।' बेंच ने कहा कि अपोलो समूह की ओर से दिल्ली के पॉश इलाके में 15 एकड़ भूमि पर बनाए गए अस्पताल के लिए एक रुपये के प्रतीकात्मक पट्टे पर यह जमीन दी गई थी और उसे 'बिना ला...