कानपुर, नवम्बर 26 -- कानपुर। ज्योतिष अंधविश्वास नहीं बल्कि पूर्ण विज्ञान है। ज्योतिष प्राचीन है लेकिन सदियों से उपेक्षित है। मुगल काल और अंग्रेजों के काल में इसकी घोर उपेक्षा हुई। यह बातें डॉ. एस भगवान सहाय ज्योतिष फाउंडेशन द्वारा बुधवार को आयोजित ज्योतिष सम्मेलन में मुख्य अतिथि डॉ. केए दुबे पद्मेश ने कहीं। जय नारायण इंटर कॉलेज में आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी ने जब सृष्टि की रचना की तो उनके मानस पुत्र लोमस ऋषि, सनातन ऋषि और नारद ऋषि आदि ने सूर्य और चंद्र की गणना करके प्रकृति का निर्माण किया। साथ ही ग्रह, नक्षत्रों एवं कालगणना का आधार भी बताया। अध्यक्षता कर करे धूनी ध्यान केन्द्र शकुंतला शक्ति पीठ के संस्थापक आचार्य अमरेश ने कहा कि ज्योतिष से विज्ञान उत्पन्न है। विज्ञान से पूर्व भी ज्योतिष का अस्तित्व था। जीवन के प्रारंभ ...