मुजफ्फर नगर, जुलाई 16 -- मुजफ्फरनगर। सावन मास में भगवान भोलेनाथ की महिमा निराली है। शास्त्रों में कहा गया कि कलियुग में यदि कोई देवी-देवताओं में अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं तो वे सिर्फ भोले बाबा ही है। ऐसे में सावन मास में भोलेनाथ के ऐतिहासिक मंदिरों की ख्याति का वर्णन करना स्वभाविक है। यहां हम बात कर रहे मीरापुर के गांव गांव संभलहेड़ा में बने पंचमुखी महादेव मंदिर की। यह मंदिर आज भी मुगलकाल की यादें संजोए हुए हैं। संवत 1514 में बने मंदिर में विश्व का तीसरा पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है। इस भूमि को दुर्वासा ऋृषि का तपोभूमि भी कहा जाता है। दूसरे मंदिर की बात करें तो रामराज-फिरोजपुर में दुर्वासा ऋषि ने शिवलिंग स्थापित किया था। मीरापुर के गांव गांव संभलहेड़ा में बने पंचमुखी महादेव मंदिर में पहुंचने पर श्रद्धालुओं को मन की शांति का अहसास होता है। खास...