लखनऊ, जुलाई 7 -- मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव, पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष और अन्य अधिकारी सोमवार को नियामक आयोग के दफ्तर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक लंबी चर्चा के दौरान बिजली की नई दरों के अलावा निजीकरण चर्चा का मुख्य एजेंडा रहा। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस बैठक को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि इस बैठक के बहाने आयोग पर निजीकरण के मसौदे पर सहमति देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि आयोग पिछले मसौदे पर तमाम आपत्तियां लगाकर ऊर्जा विभाग को वापस कर चुका है। यूपी में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के तहत आने वाले 42 जिलों के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में प्रस्तावित टेंडर मसौदा स्वीकृत होने के बाद ऊर्जा विभाग ने नियामक आय...