लखनऊ, मार्च 16 -- जिला पंचायत में करीब छह महीने से अधिक समय से कोई अध्यक्ष नहीं है। जांच पड़ताल चलने की वजह से अप्रैल 2024 से ही काम काज ठप था। अब तो स्थिति और बिगड़ गयी है। निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर घोटाले के आरोपों के बाद उन्हें पद से हटाकर तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। अध्यक्ष आरती रावत की अपील पर हाईकोर्ट ने पद से मुक्त करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। इस नाते तीन सदस्यीय कमेटी भी स्वत: अस्तित्वविहीन हो गई। अदालत के आदेश के बाद अभी तक शासन ने भी आरती रावत के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया। लिहाजा जिला पंचायत का कामकाज लगभग ठप है। अभी तक बजट बैठक को लेकर भी अनिश्चितता कायम है। जिला पंचायत वित्तीय वर्ष 2024- 25 में एक रुपए का भी विकास कार्य नहीं स्वीकृत कर सका है। न कोई योजना बनी और न ही कोई योजना अमल में आ पाई। सड...