बरेली, मार्च 3 -- रहमत व बरकत महीना रमजान का दूसरा रोजा पूरे हो गए हैं। रमजान में छोटे बच्चे रोजा रखकर खासे उत्साहित हैं। कई बच्चों ने पहली बार रोजा रखा है। रमजान के महीने में इबादत का सिलसिला बढ़ गया है। मस्जिदों से लेकर खानकाहों में नमाज से लेकर इफ्तार, सहरी में काफी लोग पहुंच रहे हैं। उलेमा ने बच्चों को तालीम पर जोर दिया है। खासतौर पर बेटियों की शिक्षा देने पर जोर दिया जा रहा है। मुफ्ती साजिद हसनी कादरी का कहना है कि रमजान में रोजा रखने वाले व्यक्ति अपनी बुरी आदतों से दूर रहने के साथ-साथ खुद पर भी संयम रखता है। रमजान में रोजा रखे व्यक्ति को झूठ बोलने, पीठ पीछे किसी की बुराई करने व लालच करने से रोजा टूट जाता है। बेटियां भी तालीम से जुड़े। अंजुमन खुद्दाम ए रसूल कमेटी के सचिव शान अहमद रजा सुब्हानी ने कहा कि रमजान ज्यादा नेकियों को कमाने क...
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