पटना, मई 4 -- राज्य के अनुमंडलों में तैनात भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) सरकार की फजीहत करा रहे हैं। वे मुकदमों की सुनवाई के बाद फैसला महीनों तक सुरक्षित (रिजर्व) रख रहे हैं। ऐसे में लोगों को यह पता ही नहीं चल रहा है कि उनके मामलों पर क्या निर्णय हुआ। जब तक जानकारी न मिल जाए, तब तक पक्षकार मामलों में अपील भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति एक-दो दिन नहीं, महीनों तक जारी रह रही है। दरअसल, डीसीएलआर के समक्ष आम लोग जमीन से संबंधित मामलों की शिकायत किया करते हैं। डीसीएलआर मामलों की शिकायत मिलने पर दोनों पक्षों की पूरी बात सुनते हैं। एक तो डीसीएलआर एक मामले को वर्षों तक चलाए रखते हैं। इसके बाद अगर फैसला देते भी हैं तो उसे सुरक्षित रख ले रहे हैं। फैसला करने के बाद उसे लिखने में दो-चार दिनों का समय लगना स्वभाविक है। अधिकतम 15 दिनों के भीतर उस...